पीसीडी फार्मा फ्रेंचाइजी क्या है
Dealership या Franchise के बारे में तो आप जानते होगे यदि नही जानते तो हम थोड़ा सा बता देते है बहुत बड़ी बड़ी कंपनी अपने नेटवर्क को बढ़ाना चाहती है लेकिन वह सभी जगह खुद काम नही कर सकती है तो वह अपने नाम से Branch से ओपन करवाती है और अपने प्रोडक्ट या सेवाओं को बेचने के लिए प्राधिकरण देती है इसे फ्रैंचाइज़ी कहते है जैसे किसी भी फार्मा कंपनी या इंस्टीटूशन या संस्था द्वारा किसी व्यक्ति या समूह या संस्था को दी गयी प्राधिकरण ( authorization ) है जिससे वह कंपनी का नाम , ब्रांड नाम का उपयोग कर सकता है। कंपनी के रेप्रेसेंटेटिव के रूप में मार्केटिंग, सेल, डिस्ट्रीब्यूशन, प्रमोशन और दूसरे व्यापारिक काम कर सकता है। ज्यादातर मामलो में संबंधित प्राधिकरण ( authorization ) मोनो पाली राइट्स (एकाधिकार ) के रूप में होते है। एकाधिकार किसी क्षेत्र विशेष या जिले या राज्य के लिए हो सकते है |.
फार्मा फ्रैंचाइज़ी में काम कैसे किया जाता है ?
जो फार्मा से संबंधित व्यक्ति फ्रैंचाइज़ी से अनभिग है उन्होंने केवल इथिकल यानि ब्रांडेड मार्केटिंग और जेनेरिक दवा कम्पनियो और मार्केटिंग के बारे में ही सुना होगा। फ्रैंचाइज़ी मार्केटिंग के बारे में उन्होंने ज्यादा नही सुना होगा। किसी भी मॉलिक्यूल या ड्रग की मैन्युफैक्चरिंग कीमत हर स्थिति में समान रहेगी। चाहे वह जेनेरिक हो या ब्रांडेड हो या फ्रैंचाइज़ी हो। कीमत में फर्क सिर्फ पड़ता है तो उसकी मार्केटिंग खर्चे से। इसी सिद्धांत पर फ्रैंचाइज़ी मार्केटिंग काम करती है। फार्मा फ्रैंचाइज़ी कंपनिया नेट रेट्स पर प्रोडक्ट सप्लाई करती है और साथ में मार्केटिंग और प्रमोशन का सारा समान भी उपलब्ध कराती है। इस तरह से एक चैन बन जाती है। कंपनी का मार्केटिंग खर्चा बच जाता है और मार्केटिंग पर्सन बिना ज्यादा खर्च के खुद का काम शुरू कर लेता है। इस मार्केटिंग में एक तरह से सबके काम बच जाते है और बिना बड़ी टीम रखे कंपनी अपने प्रोडक्ट्स को बेच सकती है। पूरी चैन एक दूसरे से स्वतंत्र होकर भी एक दूसरे से जुडी होती है। नेट रेट्स और एम आर पी में एक निर्धारित अंतर होता है जिससे मार्केटिंग पर्सन को अपना लाभ और मार्केटिंग खर्चे निकालने में कोई परेसानी नही होती।
PCD फार्मा फ्रैंचाइज़ी क्या है
भारत दुनिया में दवा उत्पादों का तीसरा सबसे बड़ा निर्माता है जंहा मेडिसन की बहुत बड़ी मार्किट है इंडियन दवाई का साइज़ लगभग 20 Billion Dollars यानि 1 लाख 32 हज़ार करोड़ रुपये है और अगले 5 सालों में इसके 20% CAGR से बढ़ने की सम्भावना है इसलिए आज इंडिया के अन्दर बहुत सी फार्मा कंपनी बिज़नेस कर रही है और करोड़ों का कारोबार कर रही है और सभी कंपनी अपने बिज़नेस को बढ़ाने के लिए अपनी फ्रैंचाइज़ी देती है क्योकि फार्मा फ्रेंचाइजी वह कुंजी है जिसने फार्मा कंपनियों को इतना सफल बनाया। दवाओं और अनुसंधान के क्षेत्र में भारत की स्थिति में काफी सुधार हुआ है और फार्मास्युटिकल क्षेत्र में बिज़नेस के अवसरों की भारी संख्या है।.
फार्मा फ्रैंचाइज़ी कैसे ले
1. सबसे पहले एक अच्छी सी प्रॉफिट वाली फार्मा कंपनी देखे उसकी उत्पादों और सेवाओं, वितरण नेटवर्क, मौजूदा मताधिकार भागीदारों की जाँच करें।
2. कंपनी के प्रोडक्ट के सैंपल बिलिंग कराके चेक करे।
3. फिर उस कंपनी की फ्रैंचाइज़ी की डिटेल अच्छे से पढ़े |
4. फिर कंपनी को security फीस देकर फ्रैंचाइज़ी ले सकते है.
फार्मा फ्रैंचाइज़ी के लिए दस्तावेज़
Documents For PCD Pharma Franchise
Personal Document (PD) :- Personal Document के अन्दर बहुत से डॉक्यूमेंट होते है जैसे :
ID Proof :- Aadhaar Card , Pan Card , Voter Card
Address Proof :- Ration Card , Electricity Bill ,
Bank Account With Passbook
Photograph Email ID , Phone Number ,
Other Document
Financial Document
GST Number
Start Work With JOVIMAG LIFESCINCES
Profit Margin In Pharma Franchise with JOVIMAG LIFESCIENCES Franchise/Dealership के अन्दर प्रॉफिट मार्जिन की बात करे तो इसके अन्दर सभी प्रोडक्ट पर अलग अलग प्रॉफिट मार्जिन दिया जाता है क्योकि कंपनी बहुत से प्रकार के प्रोडक्ट सेल करती है तो सभी के ऊपर अलग अलग प्रॉफिट मार्जिन दिया जाता है (PCD Pharma Franchise Hindi)और प्रॉफिट मार्जिन के बारे जब डीलरशिप दी जाती है उस टाइम बताया जाता है तो कंपनी से कांटेक्ट करके इसके बारे में जानकारी ले सकते है